Hlo दोस्तो कुछ कहानियां बड़ी दिलचस्प होती हैं
ऐसी एक कहानी है
पूजा शिंदे की....!!!
ये कहानी sal 2019 के लास्ट महीने की हैं
शहर पूना में जब नया नया गया था वहां
वैसे मुझे काम करने की जरूरत नही किसी के यहां पर मेने
सोचा कि चलो लोगो की तरह काम करके देखते हैं आम आदमी की तरह ज़िंदगी को समझते हैं की life में
क्या क्या ज़रूरी होता हैं
फिर मेने एक मोबाइल कम्पनी में अपना सलेक्शन कराया और मुझे उसमे बहुत बड़ी पोस्ट मिली काफ़ी भाग दौड़ होती थी आज यहां कल वहा मेने सोच ये तो करना ही पड़ेगा काम तो काम होता but मेने किया मेहनत की क्योंकि मुझे समझना था सीखना था कुछ हालाकि की मेरा वहा जानें का रीजन कुछ और था but वो एक सपना मेरा सपना ही रहा और अब हमेसा ही वो अधूरा रहेगा
गलती इसमें मेरी भी थी मुझे वक्त नही मीला इसलिए वो खो दिया जो मेरी life का सपना था खैर छोड़ो किस्मत
हर बार हर किसी को साथ नही देती
इस दौरान उस ऑफिस में ये pooja भी जॉब करती थी अच्छी snart गर्ल थी साइन के बहाने से वो मुझसे मेरे केबिन में मुझे देखने आती थी उस टाइम मेने ये सब सोचा नहीं था ज्यादा बात मे किसी से नही करता था
मगर वो मेरे बारे सब पता करने लगी एक दिन lunch में उसने मुझे खाना खाने का पूछा क्योंकि मेरा खाना बाहर से आता था वो रोज़ ये देखती थी
उस दिन से हम बात करने लगे धीरे धीरे हम लोग एक दूसरे को समझे लगे थे pooja ने एक दिन मुझसे कहा था में अपने यहां से रोज़ खाना लाऊ आपके लिए सर मेने भी हा बोल दिया बाहर देता हूं इससे अच्छा हे घर का खाना ही ठिक है pooja रोज़ मेरे लिए खाना लाने लगी एक दिन ऑफिस off था मेने pooja को call किया pooja आज khana में बाहर खा लू उसने कहा नही में आपके घर आ रही हू खाना लेकर मेने सोचा ये घर आयेगी तो सोसायटी के लोग glt सोचेंगे मेने उसे kha नही तुम मुझे बाहर मिलो हम होटल जायेंगे खाने उसने hmm बोल दिया मेने उसे पिकअप किया और बाहर खाना खाना खाया उस दिन हम दोनो काफ़ी वक्त बाहर बिताया था बहुत सी बाते हो गई थी pooja ने उस दिन के बाद कभी सर नही कहा एक दिन में उसके घर भी गया था उसकी मां से मिलने आंटी मुझे देख खुश थी क्योंकि pooja ने उनको मेरे बारे में पहले ही बता दिया था में उसे बस एक दोस्त ही मानता था मेने प्यार का कभी नही सोचा था क्योंकि मेरी चाहत उस waqt कोई और थी और उसके अलावा कभी कोई आ भी नही सकती थी लेकीन एक दिन पूजा ने मुझे प्रपोज किया मे shot हो गया में सोच में पड़ गया ये कैसे हो गया उस time मुझे delhi जाना मेरी mithing थी ऑफिस की जैसे ही में आया घर pooja वहा आ गई मुझे gle लगा लिया और रोने लगी आप क्यो गए थे पता है मेने कीतना miss किया मेरी समझ में कुछ नही आ रहा था उसे क्या कहूं कैसे भी करके मेने उसे काफ़ी के बहाने वहा से ले आया में उसे उस वक्त बोल देता मगर वो बहुत खुश लग रही थी तो अभी बोलूंगा तो ये नाराज़ हो जायेगी ज़िद्दी तो थी ही कुछ भी कर सकती थी मेने उसे sopping कराई और उसे जैसे तैसे घर छोड़ा
आगे में और भी लिखूंगा पार्ट 2.... में